बाइकर्स और वन्य जीव प्रेमियों के ग्रुप ‘जयपुर बाइकर्स’ ने जयपुर में पर्यटकों को लुभाने के लिए हाथियों के लिए होने वाले उपयोग और उनकी दुर्दशा को लेकर जागरूकता फैलाने में वर्ल्ड एनिमल प्रोटेक्शन का समर्थन किया है। आमेर किले में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हाथियों का इस्तेमाल किया जाता है और पर्यटकों को सवारी कराते हुए ये हाथी बहुत ही खराब परिस्थितियों में पीड़ादायक जीवन जीते हैं। कन्हैया लाल बैरवा और वर्ल्ड एनिमल प्रोटेक्शन, इंडिया के कंट्री डायरेक्टर गजेंद्र कुमार शर्मा ने रैलीको झंडी दिखाकर रवाना किया।
वर्ल्ड एनिमल प्रोटेक्शन, इंडिया के कंट्री डायरेक्टर गजेंद्र कुमार शर्मा ने कहा, ‘जयपुर के आमेर किले जैसे कई पर्यटक स्थलों पर हाथियों और अन्य जानवरों को आर्थिक लाभ के लिए वस्तु की तरह उपयोग किया जाता है। हमने यह मुहिम चलाई है जिसको ‘नो प्राइड इन एलिफेंट राइड’ नाम दिया गया है। इसके जरिए हम पर्यटन क्षेत्र से जुड़े विभिन्न हितधारकों में जागरूकता लाकर इन हाथियों को पीड़ादायक जीवन से निजात दिलाकर उनको उपयुक्त अभ्यारण्यों में उनको भेजने का अभियान चला रहे हैं।’
कोरोनाकाल के बाद की दुनिया पहले जैसी नहीं रह गई है। पर्यटन उद्योग सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में से एक है। कोरोनाकाल के बाद से इन जंगली जीवों के मालिक और महावत दोनों ही हाथियों के लिए पर्याप्त जगह, भोजन और अन्य सुविधाएं जुटाने के लिए असाधारण परिस्थितियों में संघर्ष कर रहे हैं।
गजेंद्र कुमार शर्मा ने आगे कहा, एक वयस्क हाथी को रोजाना 200 किलोग्राम भोजन चाहिए, वह भी ऐसे समय में जब इंसान का गुजारा ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में हमें यह एक अवसर दिखाई दे रहा है कि इस बात पर जोर दिया जाए कि बंधक बनाए गए इन हाथियों के जीवन को बेहतर करने के लिए पर्यटकों को लुभाने के लिए कोई दूसरा मानवीय मॉडल अपनाया जाए। हम राजस्थान सरकार के साथ भी चर्चा कर रहे हैं कि पर्यटकों को लुभाने के लिए किसी वैकल्पिक समाधान की व्यहार्यता का अध्ययन किया जाए और हाथियों और महावतों का कल्याण भी प्रभावित न हो।’
यह आयोजन लोगों में जागरूकता लाने और इस मुहिम के लिए समर्थन जुटाने के लिए है ताकि हमें और अधिक समर्थन मिल सके। इस अभियान में हमारे साथ जुडि़ए और मांग एवं आपूर्ति की इस कड़ी को तोड़ने में मदद कीजिए, ताकि इन जंगली जानवरों को पीड़ामुक्त जीवन का उनका हक उपहार में दिया जा सके।