
राजस्थान राज्य सूचना आयोग ने पिछले माह आयोजित पहली लोक अदालत के आयोजन की सफलता पर संतोष व्यक्त किया है साथ ही आयोग ने इस तरह के और आयोजन करने की दिशा में कदम बढ़ाने का तय किया है। आयोग ने पिछले नो माह में मामलो की सुनवाई को गति दी है और साढ़े आठ हजार अपीलों का निस्तारण कर लोगो को राहत दी है।
राज्य के मुख्य सूचना आयुक्त डी बी गुप्ता ने अपने सहयोगी सूचना आयुक्तों के साथ इस तरह के पहले आयोजन के परिणामों की समीक्षा की और कहा देश में सूचना आयोगों की कार्य प्रणाली में इस तरह का यह पहला आयोजन था।इस लोक अदालत में जयपुर विकास प्राधिकरण से जुड़े 270 मामलो का एक ही दिन में निस्तारण किया गया। आयोग ने महसूस किया कि इस तरह के और आयोजन किए जाने चाहिए। ताकि लंबित मामलों में लोग को राहत मिल सके।
आयोग ने उन सरकारी महकमों पर नजर दौड़ाई है जिनके विरुद्ध लंबित मामलो की संख्या अधिक है आयोग ने इस कड़ी में जयपुर क्षेत्र में शिक्षा विभाग से संबद्ध अपीलों की संख्या पर गौर किया और जल्द ही जयपुर में निस्तारण शिविर के रूप में लोक अदालत आयोजित कर लोगो को राहत देने का निर्णय लिया है। इससे पहले एक बैठक में सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह राठोड , राजेंद्र प्रसाद बरबड़ , शीतल धनकड़ और नारायण बारेठ ने भी अपने सुझाव दिए / सूचना आयुक्तों का कहना था ऐसे आयोजनों से लंबित मामलो का भार कम होगा और लोगो को राहत मिल सकेगी।
बैठक में आयोग की सचिव प्रिंयका गोस्वामी , उप सचिव सुमन मीणा और रजिस्ट्रार राधे प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
बैठक में मुख्य सूचना आयुक्त गुप्ता ने कहा कि पिछले साल नए आयुक्तों की नियुक्ति के बाद आयोग के कामकाज में गति आयी है। गुप्ता ने कहा इन बीते नो माह में लॉकडाउन और कोरोना के प्रकोप के बावजूद सुनवाई में तेजी लायी गयी और आठ हजार से अधिक अपीलों का निस्तारण किया गया है। इस दौरान जवाब और सूचना उपलब्ध कराने में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की गई और उन पर जुर्माना भी लगाया गया। इसके पहले आयोग ने राज्य के सुदूरवर्ती दक्षिण राजस्थान के जिलों में लोक अदालत के आयोजन का काम हाथ में लिया था और कार्यक्रम भी निर्धारित कर लिया था। लेकिन एकाएक लॉकडाउन के कारण उसे रद्द करना पड़ा था।